संवाददाता - सन्तोष उपाध्याय
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह के प्रयासों से प्रदेश में जीवाश्म ईधन से संचालित वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम की दिशा में परिवहन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री ने बताया कि परिवहन प्रणाली की स्थायी एवं स्वच्छ गतिशीलता बनाये रखने के लिए इलेक्ट्रानिक वाहनों के खरीद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उ.प्र. इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 प्रख्यापित की गयी। उ.प्र. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा उक्त नीति को 14 अक्टूबर, 2022 को प्रख्यापित किया गया। दयाशंकर सिंह ने बताया कि उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिक समिति की बैठक में उक्त नीति में संशोधन किया गया है। संशोधन के फलस्वरूप नीति के चौथे एवं पांचवे वर्ष में उ0प्र0 में खरीदे गये एवं पंजीकृत केवल शुद्ध विद्युत वाहन के पंजीकरण शुल्क एवं रोड टैक्स में शत प्रतिशत छूट एवं सब्सिडी प्रोत्साहन योजना का प्रावधान किया गया है। जिसके अंतर्गत 05 नवम्बर, 2025 को जारी अधिसूचना के तहत उ.प्र. इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति- 2022 के अधीन 14 अक्टूबर, 2025 से 13 अक्टूबर, 2027 के मध्य खरीदे गये शुद्ध विद्युत वाहनों के पंजीकरण शुल्क में शत- प्रतिशत छूट प्रदान की गयी है। उक्त अवधि में खरीदे गये एवं पंजीकृत शुद्ध विद्युत वाहनों की विभिन्न श्रेणी के वाहनों पर लागू कर एवं रोड टैक्स से शत-प्रतिशत की छूट दी गयी है। इसी प्रकार शुद्ध विद्युत वाहनों पर प्रवर्तनीय एग्रीगेटर आवेदक ग्राहकों को दो पहिया, तीन पहिया अथवा चार पहिया वाहन के अधिकतम 10 यूनिट तथा ईबस अथवा ईगुडस कैरियर के 25 यूनिट के खरीदने पर सब्सिडी लेने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिक से अधिक बिक्री पर जोर दे रही है। जिससे कि पर्यावरण को संरक्षित करते हुए आवागमन को भी सुचारू रूप से संचालित किया जा सके। आने वाले समय में जीवाश्म ईधन की उपलब्धता दिन प्रतिदिन कम होती जायेगी। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन ही परिवहन का मुख्य आधार साबित होंगे।
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